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Madras High court verdict, bumper to bumper insurance mandatory for five years from September 1, 2021 | कार, बाइक खरीदना होगा महंगा, मद्रास हाई कोर्ट के फैसले का असर, 1 सितंबर से लेना होगा बंपर-टू-बंपर इंश्योरेंस

नई दिल्ली: Car Insurance Policy: नई गाड़ी खरीदने की सोच रहे हैं तो तुरंत खरीद लीजिए क्योंकि 1 सितंबर से फोर व्हीलर या टू-व्हीलर खरीदना आपको महंगा पड़ने वाला है. दरअसल मद्रास हाई कोर्ट के एक फैसले के बाद 1 सितंबर से नई गाड़ी खरीदने के लिए डाउन पेमेंट के रूप में आपको ज्यादा रकम देनी पड़ सकती है.

गाड़ियों के इंश्योरेंस पर मद्रास HC का फैसला

मद्रास हाईकोर्ट ने एक बेहद अहम फैसला दिया है कि एक सितंबर के बाद जब भी कोई नया वाहन बेचा जाता है, तो वाहन चालक, यात्रियों और वाहन मालिक को कवर करने के अलावा, हर पांच साल की अवधि के लिए बम्पर टू बम्पर इंश्योरेंस अनिवार्य होना चाहिए. मतलब यह कि इंश्योरेंस वाहन चालक, सवार यात्रियों और वाहन मालिक को कवर करने के बाद अलग से 5 वर्ष के लिए जोड़ा जाना चाहिए.

इसके बाद की अवधि में वाहन मालिक को वाहन चालक, यात्रियों, थर्ड पार्टी और खुद के लिए भी सावधान रहना चाहिए क्योंकि अभी 5 साल से आगे बंपर टू बंपर बीमा पॉलिसी बढ़ाने का प्रावधान नहीं है. फैसला सुनाते वक्त जस्टिस एस वैद्यनाथन ने कहा कि ऐसा करने से वाहन के मालिक पर गैर जरूरी बोझ नहीं पड़ेगा. उन्होंने यह फैसला न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड अवलपुनदुरई द्वारा दायर एक याचिका में दिया है.

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नई गाड़ी के लिए ज्यादा डाउन पेमेंट देना होगा

मद्रास हाई कोर्ट के फैसले के बाद नई कार की कीमत बढ़ जाएगी और कार खरीदने के लिए अब आपको डाउन पेमेंट के रूप में 10,000 रुपये से लेकर 12,000 रुपये ज्यादा देने पड़ सकते हैं. टू-व्हीलर के लिए भी डाउन पेमेंट 1,000 रुपये तक ज्यादा चुकाने पड़े सकते हैं.

इंश्योरेंस खर्च का बोझ बढ़ जाएगा

इस फैसले का असर ये होगा कि नई गाड़ी पर इंश्योरेंस का खर्चा 5 साल तक काफी ज्यादा बढ़ जाएगा, क्योंकि अभी नियमों के मुताबिक नई गाड़ी पर थर्ड पार्टी इंश्योरेंस फोर व्हीलर के लिए 3 साल और टू व्हीलर के लिए 2 साल जरूरी है, लेकिन मद्रास हाई कोर्ट के नए फैसले के बाद नई गाड़ियों पर खरीद के बाद 5 साल तक बंपर टू बंपर इंश्योरेंस जरूरी होगा यानी आपको इंश्योरेंस की ऑन डैमेज पॉलिसी भी लेनी होगी.

इतना ही नहीं, अभी तक पर्सनल एक्सीडेंट कवर सिर्फ गाड़ी चलाने वाले के लिए ही जरूरी था लेकिन कोर्ट के ऑर्डर के बाद गाड़ी में बैठने वाले सभी पैसेंजर्स के लिए पर्सनल एक्सीडेंट कवर भी 5 साल तक जरूरी होगा. मतलब अगर कोई कार 5 सीटर है तो पूरे पांच सीटो के लिए एक्सीडेंटल कवर लेना होगा. इससे पहले साल के बाद हर साल होने वाला इंश्योरेंस का खर्च 20 परसेंट तक बढ़ जाएगा.

क्या होता है बंपर टू बंपर इंश्योरेंस

अब आपको बताते हैं कि बंपर टू बंपर इंश्योरेंस होता क्या है. दरअसल, यह अनिवार्य रूप से एक तरह का कार इंश्योरेंस है जो गाड़ी को पूरा कवरेज देता है. इस पॉलिसी के तहत डेप्रिसिएशन कितना भी हो कवरेज आपको पूरा मिलेगा, यानी अगर कोई ग्राहक क्लेम करता है तो इंश्योरेंस कंपनी डेप्रिसिएशन की कटौती नहीं कर सकती है. इतना ही नहीं किसी एक्सीडेंट के बाद गाड़ी के पार्ट्स बदलने के लिए इंश्योरेंस कंपनी को पूरा भुगतान करना होगा.

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