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4 Days a Week trial in Iceland saw improvements in well-being and productivity of employees | शुरू होगा ‘4 Days a Week’ का ट्रेंड, नतीजों ने किया हैरान, कर्मचारी खुश और परफॉर्मेंस भी रहा शानदार

4 Days a Week Work: Iceland की सरकार ने दो ट्रायल्स किए, जिसमें 100 कंपनियों के 2500 से भी ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया, जो कि इस देश की कामकाजी आबादी का 1 परसेंट हिस्सा है. इन्हें हफ्ते में चार दिन काम करने के लिए कहा गया. हफ्ते में कर्मचारियों के काम के घंटे 40 से घटकर 35 रह गए, इस दौरान न तो उनकी सैलरी कटी और न ही उनके काम की प्रोडक्टिविटी पर कोई असर पड़ा.

आइसलैंड ने किया ट्रायल 

Iceland में इस ट्रायल को लेकर UK के थिंक टैंक Autonomy और Icelandic Association of Sustainability and Democracy ने संयुक्त रूप से एक एनालिसिस किया है. जिसमें ये पाया गया है कि ‘four-day working week’ के कॉन्सेप्ट से ‘work-life balance’ में सुधार देखने को मिला है, इससे कर्मचारियों का प्रदर्शन बेहतर हुआ जिससे वातावरण में भी सुधार हुआ.

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पहला ट्रायल, काम के घंटे घटाकर 35 किए 

कई सिविल सोसायटी ग्रुप और ट्रेड यूनियनों की लॉबिंग के बाद रिक्जेविक सिटी काउंसिल (Reykjavik City Council) और सरकार की ओर से ट्रायल शुरू किए गए थे, जिसने दावा किया था कि उनका देश वर्क लाइफ बैलेंस के मामले में अपने ज्यादातर उत्तरी यूरोप के देशों से पीछे है. पहला ट्रायल राजधानी रिक्जेविक में साल 2014 से 2019 तक चला. इसमें चाइल्डकेयर और सर्विस सेंटर वर्कर्स के कामकाजी घंटों को 40 से घटाकर 35 किया गया. इसके बाद इसे मेयर ऑफिस और केयर होम्स तक बढ़ाया गया.

काम के वक्त लोग पहले से ज्यादा खुश नजर आए

दूसरा ट्रायल साल 2017 से लेकर साल 2021 तक चलाया गया. इसमें कई राष्ट्रीय सरकारी एजेंसियों के 440 कर्मचारियों के काम के घंटों को कम किया गया. इस एनालिसिस में सामने आया कि काम के घंटे भले कम हुए हैं, लेकिन उनकी प्रोडक्टिविटी पर कोई असर नहीं पड़ा है. वास्तव में हुआ ये कि ऑफिस टीम्स ज्यादा ज्यादा कुशलता के साथ काम करने के लिए प्रेरित हुईं. उन्होंने अपना मीटिंग टाइम घटाया, अपने शेड्यूल में बदलाव किया और डिपार्टमेंट्स के बीच अपना कम्यूनिकेशन सुधारा. एनालिसिस में सामने आया कि कर्मचारियों के बीच पॉजिटिविटी का संचार हुआ. कई कर्मचारियों ने कहा कि इस नए नियम से अब वो ज्यादा खुश महसूस करते हैं.

कई और देशों में भी हुए ट्रायल

रिसचर्स ने आइसलैंड के ट्रायल को एक महत्वपूर्ण ब्लूप्रिंट माना है, और ये बताया है कि कैसे दुनिया भर में इसी तरह के ट्रायल्स का आयोजन किया जा सकता है. हालांकि आइसलैंड इकलौती सरकार नहीं थी जिसने हफ्ते में 4 दिन काम का ट्रायल किया. The Guardian के मुताबिक मई 2021 में स्पेन की सरकार ने तीन साल के पायलट प्रोजेक्ट योजनाओं को मंजूरी दी और योजनाओं को लागू करने वाले व्यवसायों का समर्थन करने के लिए 50 मिलियन यूरो का वादा किया. न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने भी इस कॉन्सेप्ट को कोरोनोवायरस महामारी से अर्थव्यवस्था को वापस निकालने में मदद करने के साधन के रूप में इस्तेमाल किया.

साल में औसत काम के घंटे 

Organization for Economic Co-operation and Development के आंकड़ों के मुताबिक साल 2020 में आइसलैंड सबसे कम काम के घंटों की लिस्ट में 10वें नंबर पर था. आइलैंड के कर्मचारी साल में 1435 घंटे औसत काम करते हैं. जबकि जर्मनी के लोग हफ्ते में सबसे कम घंटे काम करते हैं. जर्मनी के लोग सालाना औसतन 1,332 घंटे काम करते हैं. अमेरिका के लोग सालाना 1767 घंटे काम करते हैं और ये 35वीं रैंक पर हैं.

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