एक पत्र के साथ यह दावा किया जा रहा है कि कोविड के कारण हॉलमार्किंग जून 2022 तक रोका जा रहा है। पीआईबी फैक्ट चेक में यह पाया गया है कि यह दावा फर्जी है।बता दें सोने के गहनों और कलाकृतियों की अनिवार्य हॉलमार्किंग 16 जून से चरणबद्ध तरीके से लागू की गयी है।
हॉलमार्किंग की व्यवस्था होने से सबसे ज्यादा फायदा उपभोक्ताओं को होता है। इससे ग्राहक सोने की खरीदारी के वक्त होने वाली धोखाधड़ी से बच जाते हैं। बता दें अनिवार्य हॉलमार्किंग के बावजूद ज्वैलर्स उपभोक्ता से बिना हॉलमार्क के पुराने सोने के आभूषणों को वापस खरीदना जारी रख सकते हैं और गोल्ड ज्वैलरी के निर्माताओं, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं को पर्याप्त समय देने के लिए अगस्त के अंत तक कोई जुर्माना नहीं लगेगा।ऐसा डीजी बीआईएस पहले ही कह चुके हैं। वर्तमान में देश में 943 परख एवं हॉलमार्किंग केंद्र कार्यरत हैं।
एक पत्र के साथ फ़र्ज़ी हैडलाइन जोड़कर यह दावा किया जा रहा है कि #कोविड के कारण हॉलमार्किंग जून 2022 तक रोका जा रहा है।#PIBFactCheck
▶️ भारत सरकार द्वारा 16 जून, 2021 को हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी गई थी।
हॉलमार्किंग अनिवार्य हो जाने के बाद अब सिर्फ 22 कैरेट, 18 कैरेट और 14 कैरेट की ज्वैलरी ही बिकेगी। अगर कोई भी ज्वैलर बिना हॉलमार्किंग के गोल्ड ज्वैलरी बेचता पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत दोषी पर एक साल की जेल के अतिरिक्त उस पर गोल्ड ज्वैलरी की वैल्यू की पांच गुना तक पेनल्टी भी लगाई जा सकती है।
हॉलमार्क में बीआईएस मार्क और शुद्धता के साथ छह अंकों का कोड शामिल होता है। हर कैरेट के सोने के लिए हॉलमार्क नंबर अंकित किए जाते हैं। ज्वैलर्स की ओर से 22 कैरेट के लिए 916 तो 18 कैरेट के लिए 750 नंबर का इस्तेमाल किया जाता है। 14 कैरेट के लिए 585 नंबर का उपयोग किया जाता है। इन अंकों के जरिए आपको पता चल जाएगा कि सोना कितने कैरेट का है। केंद्र सरकार ने नवंबर 2019 में गोल्ड ज्वैलरी के लिए गोल्ड हॉलमार्किंग नियमों का ऐलान किया था, इन नियमों को जनवरी 2021 से पूरे देश में लागू किया जाना था। लेकिन कोरोना महामारी की वजह से ज्वेलर्स ने सरकार से मोहलत मांगी और डेडलाइन बढ़ती चली गई।
राज्यवार जिले, जहां हॉलमार्किंग की सुविधा
Delhi (7)
1. North Delhi
2. Central Delhi
3. West Delhi
4. South Delhi
5. North West Delhi
6. New Delhi
7. East Delhi