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Ministry of Civil Aviation drafts simpler drone rules aims to create Drone corridors | अब आसमान से आपके घर आएगा सामान, ड्रोन नियमों में सरकार करने जा रही बड़ा बदलाव

नई दिल्ली: ई-कॉमर्स कंपनियों और स्टार्टअप्स के लिए अच्छी खबर आई है. सरकार ड्रोन उड़ाने के नियमों में बदलाव करने की तैयारी कर रही है. सरकार के इस फैसले से ऐसी कंपनियां जो माल की डिलीवरी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करना चाहती हैं, उनके लिए ये काफी आसान हो जाएगा. नागर विमानन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) ने ‘विश्वास, स्वप्रमाणन एवं बिना किसी हस्तक्षेप के निगरानी’ के आधार पर भारत में ड्रोन का आसानी से इस्तेमाल सुनिश्चित करने के लिए ड्राफ्ट नियम जारी किए हैं.

इतने आसान होंगे नियम

मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक देश में ड्रोन उड़ाने की परमिशन के लिए पहले 25 फॉर्म्स भरे जाते थे जिसे कम करके 6 कर दिया गया है. बयान में कहा गया है कि ड्रोन उड़ाने के लिए भरे जाने वाले फॉर्म्स की संख्या को मानव रहित विमान प्रणाली ( Unmanned Aircraft System- UAS) नियम, 2021 में बताए गए 25 फॉर्म्स की तुलना में ‘ड्रोन नियम, 2021’ के मसौदे में घटाकर 6 कर दिया गया है.

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ड्रोन उड़ाने की फीस भी होगी कम

UAS नियम, 2021 इस साल 12 मार्च को लागू हुआ था. अधिसूचित होने के बाद ड्रोन नियम, 2021, UAS नियम, 2021 का स्थान लेगा. बयान में कहा गया है कि ड्राफ्ट नियमों में शुल्क को नाममात्र कर दिया गया है और अब इसका ड्रोन के आकार से कोई संबंध नहीं होगा.

अप्रूवल्स लेने के झंझट से छुटकारा

नए नियमों के मुताबिक अब ड्रोन उड़ाने के लिए कई सारे अप्रूवल्स नहीं लेने पड़ेंगे. इसकी आवश्यकता को समाप्त कर दिया गया है. बता दें कि अब तक देश में कहीं भी ड्रोन उड़ाने के लिए अनुरूपता का सर्टिफिकेट, मेंटेनेंस का सर्टिफिकेट, इंपोर्ट क्लियरेंस, मौजूदा ड्रोन की स्वीकृति, ऑपरेटर परमिट, अनुसंधान एवं विकास संगठन का प्राधिकार और स्टूडेंट रिमोट पायलट लाइसेंस आदि की जरूरत होती थी.

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‘भारत में तकनीकी क्रांति ला सकता है ये फैसला’

सिविल एविएशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने कहा कि ड्राफ्ट के नियम UAS नियम, 2021 से ‘पूर्ण बदलाव’ को दर्शाते हैं. सिंधिया ने ट्वीट किया, ‘ड्रोन कम लागत, कम संसाधनों और संचालन में लगने वाले कम समय के साथ दुनिया भर में अगली बड़ी तकनीकी क्रांति ला रहे हैं. यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस नई लहर के साथ चलें और विशेष रूप से हमारे स्टार्टअप के बीच इसका इस्तेमाल बढ़ाने में मदद करें.’

यहां ड्रोन उड़ाने की इजाजत नहीं

मसौदा नियमों में कहा गया है कि ग्रीन जोन में 400 फुट तक और हवाई अड्डे के आठ से 12 किमी के बीच के क्षेत्र में 200 फुट तक उड़ान के लिए अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी.

इनके लिए पायलट लाइसेंस की जरूरत नहीं

मंत्रालय ने कहा, ‘ड्राफ्ट नियम विश्वास, स्व-प्रमाणन और बिना दखल के निगरानी के आधार पर बनाए गए हैं.’ इनमें कहा गया है कि माइक्रो ड्रोन (गैर-व्यावसायिक उपयोग के लिए), नैनो ड्रोन और आरएंडडी (अनुसंधान और विकास) संगठनों के लिए किसी पायलट लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होगी.

ड्रोन कॉरिडोर बनाए जाएंगे
ड्राफ्ट नियमों के अनुसार, माल पहुंचाने के लिए ड्रोन कॉरिडॉर विकसित किए जाएंगे और देश में ड्रोन के अनुकूल नियामक व्यवस्था की सुविधा के लिए एक परिषद की स्थापना की जाएगी. लोग इन नियमों पर 5 अगस्त तक अपनी राय दे सकते हैं. ड्राफ्ट नियमों में यह भी कहा गया है कि भारत में पंजीकृत विदेशी स्वामित्व वाली कंपनियों के ड्रोन संचालन पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा.

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