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The committee of legal experts to submit the decision of the Supreme Court will submit the report in 15 days | सुप्रीम कोर्ट के फैसले की समीक्षा करने कानूनी विशेषज्ञों की समिति15 दिनों में समिति सौपेगी रिपोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। आगामी सोमवार से राज्य के मुख्य सचिव सीताराम कुंटे सामाजिक व आर्थिक रुप से पिछला वर्ग (एसईबीसी) प्रवर्ग के तहत प्रलंबित भर्ती प्रक्रिया की समीक्षा करेंगे। साथ ही मराठा आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की समीक्षा के लिए सेवानिवृत्त न्यायधीश की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा मराठा आरक्षण रद्द किए जाने के मद्देनजर शनिवार को बुलाई गई बैठक के बाद मराठा आरक्षण के लिए गठित मंत्रिमंडल उप समिति के अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने यह जानकारी दी। बैठक में नगरविकास मंत्री एकनाथ शिंदे व गृह राज्यमंत्री दिलीप वलसेपाटील सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

सरकारी अतिथि गृह सहयाद्री में हुई मंत्रीमंडल उपसमिति की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में चव्हाण ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में 9 सितंबर 2020 तक मराठा आरक्षण के तहत हुई भर्तीयों को संरक्षण प्रदान किया है। लेकिन सेवा भर्ती प्रक्रिया और नियुक्ति दो अलग-अलग मामले हैं। इस लिए पूर्ण व अपूर्ण भर्ती प्रक्रिया की समीक्षा का कार्य मुख्य सचिव को सौपा गया है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा मराठा आरक्षण पर रोक से प्रभावित उम्मीदवीरों को न्याय देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। मुख्य सचिव द्वारा इसकी समीक्षा के बाद आगे का फैसला लिया जाएगा।
साढे पांच सौ पन्नों के आदेश का अध्ययन करेगी कमेटी

चव्हाण ने बताया कि मराठा आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने साढे पांच सौ पन्नों का आदेश दिया है। इस आदेश के विस्तृत अध्ययन के लिए रिटायर न्यायाधीश की अध्यक्षता में कानून विशेषज्ञों की एक समिति गठित की जाएगी। इस समिति में 6 से 7 सदस्य होंगे। यह समिति फैसले का बारिक अध्ययन कर निष्कर्ष निकालेगी, साथ ही राज्य सरकार को अपनी सिफारिश देगी। 15 दिनों में समिति अपनी रिपोर्ट सौंप देगी। मराठा आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने को लेकर इस समिति की सिफारिश के अनुसार फैसला लिया जाएगा।

रोज उम्मीदवारों के आ रहे फोन कॉल
मंत्री चव्हाण ने बताया कि सेवा भर्ती प्रक्रिया में अड़चनों को लेकर राज्यभर से एसईबीसी उम्मीदवारों के रोज फोन आ रहे हैं। इन उम्मीदावरों की परेशानी दूर करने सभी जिलों में अतिरिक्त जिलाधिकारी विशेष कार्य अधिकारी के तौर पर कार्य करेंगे। जिला स्तर पर उनकी समस्याओं का समाधान न होने पर संबंधित मामले को मुख्य सचिव कार्यालय में मंगाया जाएगा और उस बारे में यहां फैसला लिया जाएगा।

पुलिस पर दबाव बढ़ाने वाला काम न करेः गृहमंत्री
बैठक में मौजूद राज्य के गृह मंत्री दिलीप वलसेपाटिल ने कहा कि मराठा आरक्षण को लेकर कोई भड़काऊ बयानबाजी न करे। पुलिस विभाग स्थिति पर नजर रखे हुए है। राज्य में कोरोना की परिस्थिति गंभीर है। पुलिस महकमा उसमे व्यस्त है। इस लिए लोग ऐसा कोई कार्य न करें जिससे पुलिस पर काम का तनाव बढ़े। शिवसेना के वरिष्ठ नेता व राज्य के नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि मराठा आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। पर हमारी सरकार मराठा समाज को न्याय देने के लिए कटिबद्ध है।

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