- पीएमएवाई के तहत छूट का लाभ लेने के लिए आय की सीमा तीन लाख, छह लाख और 12 लाख रुपये तय की गई है।
- अगर कोई व्यक्ति तीन लाख रुपये आय सीमा में आता है तो उसे 2.67 लाख की छूट मिलेगी। वह ईडब्ल्यूएस श्रेणी में आएगा।
- इसी तरह 6 लाख तक आय वाला व्यक्ति एलआईजी और 6-12 लाख तक आय वाला एमआईजी-1 और 12-18 लाख वाला एमआईजी-2 श्रेणी में आएगा।
- अगर कोई व्यक्ति की आय और घर की श्रेणी में अंतर पाया जाता है तो उसकी सब्सिडी रुक जाती है।
पहले से आपका घर का होनाPMAY के सीएलएसएस के तहत छूट पाने के लिए अनिवार्य है कि वह पहली दफा घर खरीद रहा हो, यानी उसके नाम पर पहले से कोई घर नहीं हो। अगर किसी व्यक्ति के नाम पर पहले से घर है तो उसको इस छूट का लाभ नहीं मिलता है।आधार और दस्तावेज पर नाम में अंतरविशेषज्ञों के अनुसार, फॉर्म भरते समय गलतियां भी सब्सिडी पाने में देरी का एक और कारण हो सकता है। उदाहरण के लिए, आधार और अन्य दस्तावेजों पर नाम में अंतर होने पर देरी हो सकती है।संपत्ति की सह मालिक में महिला का नामछूट पाने के लिए जरूरी है कि जिस प्रॉपर्टी पर सब्सिडी ली जा रही है उसमें महिला सह मालिक और सह-उधारकर्ता हो। इसके नहीं होने से सब्सिडी का लाभ नहीं मिलेगा।सरकारी एजेंसियों की लेटलतीफीवर्तमान में, हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (हुडको), नेशनल हाउसिंग बैंक (एनएचबी) और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया पीएमएवाई के तहत मिले आवेदन की छंटनी करता है। जांच प्रक्रिया देरी होने से घर खरीदारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। 2.67 लाख तक मिलती है सब्सिडी पीएमएवाई के तहत सस्ते होम लोन के लिए तीन प्रतिशत तक की ब्याज सब्सिडी दी जाती है। हालांकि, इसमें प्रत्येक पात्र कर्ज लेनदार के लिए एकबारगी सब्सिडी को अधिकतम 2.67 लाख रुपये रखा गया है। यह योजना जून 2016 से लागू हुई और इसे राष्ट्रीय आवास मिशन के एक हिस्से के तौर पर शुरू किया गया। राष्ट्रीय आवास बैंक के साथ ही हुडको और भारतीय स्टेट बैंक को इस योजना के तहत कर्जदाता संस्थान को सब्सिडी जारी करने और उसकी प्रगति पर निगरानी रखने के लिए शीर्ष केन्द्रीय एजेंसी नियुक्त किया गया है।