10 दिनों की सरप्राइज लीव
RBI के 2015 के सर्कुलर के अनुसार, ऐसे बैंकर्स जो ट्रेजरी ऑपरेशन, करेंसी चेस्ट, रिस्क मॉडलिंग, मॉडल वैलिडेशन जैसे सेक्शन में काम करते हैं वे संवेदनशील माने जाते हैं. इस नियम के साथ ही संवेदनशील पदों को लेकर एक लिस्ट भी जारी की जाएगी जिन्हें हर साल ‘Mandatory Leave’ के तहत हर साल 10 दिनों की छुट्टी आकस्मिक दी जाएगी. इस नियम के तहत बैंकर्स को पहले से इस छुट्टी के बारे में पता नहीं होगा.ये भी पढ़ें- सिर्फ एक Missed Call पर घर आएगा एलपीजी सिलेंडर, ये नंबर तुरंत कर लीजिए सेव
आरबीआई ने जारी किए आदेश
आरबीआई ने आदेश जारी करते हुए ग्रामीण विकास बैंक और सहकारी बैंक समेत बैंकों को भेजी सूचना में विवेकपूर्ण जोखिम प्रबंधन उपाय (RBI Modified Risk Management Guidelines) के तहत अप्रत्याशित अवकाश देने की नीति तैयार करने को कहा है. बैंकों से उनके निदेशक मंडल बोर्ड की अनुमोदित नीति के अनुसार संवेदनशील पदों की सूची तैयार करने और समय-समय पर सूची की समीक्षा करने के लिए कहा गया है. आरबीआई ने बैंकों से छह महीने के भीतर संशोधित निर्देशों का पालन करने को कहा है.
फिजिकल वर्क की जिम्मेदारी नहीं होगी
इस लीव के तहत, बैंक कर्मचारी को आंतरिक/कॉरपोरेट ईमेल को छोड़कर फिजिकल या फिर वर्चुअल किसी भी तरह का काम नहीं करना होगा. बैंक कर्मचारियों के पास सामान्य प्रयोजन से आंतरिक/कॉरपोरेट ईमेल की सुविधा उपलब्ध होती है.ये भी पढ़ें- ट्रेन से सफर का अचानक बदल गया प्लान? अब बिना टिकट कैंसिल किए चेंज करें यात्रा की तारीख
मैंडेटरी लीव पॉलिसी अपग्रेड
आरबीआई ने अप्रैल 2015 में इस मुद्दे पर अपने पहले के दिशा निर्देश में ऐसे अवकाश के लिए दिनों की संख्या स्पष्ट नहीं की थी. हालांकि उसने कहा कि यह ‘कुछ दिन (10 कार्य दिवस) हो सकता है.’ केंद्रीय बैंक ने संवेदनशील पदों या संचालन क्षेत्रों से जुड़े कर्मचारियों के लिए ‘Mandatory Leave’ पॉलिसी को अपग्रेड किया है और 23 अप्रैल 2015 के सर्कुलर को निरस्त कर दिया है.बिजनेस से जुड़ी अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें LIVE TV