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rise of gold from independence till today gold has given returns more than 52000% since 1947 | 1947 से अबतक कितना महंगा हो गया सोना, 52,000% तक मिल चुका है रिटर्न, जानिए आजादी से अबतक सोने की कहानी

नई दिल्ली: Golden Journey Of Gold: कभी आपने सोचा है कि आप के घर में जो पुराना सोना-चांदी है उसे किस भाव पर खरीदा गया होगा? दादा-दादी, नाना-नानी के जमाने में सोने-चांदी का भाव क्या रहा होगा? जब देश आजाद हो रहा था तब सोने-चांदी का भाव क्या होगा? ये सवाल हम सबसे लिए इसलिए अहम है, क्योंकि हर घर में कुछ ना कुछ मात्रा में सोना पड़ा है. एक अनुमान के मुताबिक लोगों के घरों में करीब 20 हजार टन सोने का स्टॉक पड़ा है. तो आइए आपको दिखाते हैं गोल्ड के 75 सालों का सफर.

आजादी के बाद से अबतक सोना 52,000% चढ़ा

पूरा देश इस वक्त 15 अगस्त को आजादी की 75वीं वर्षगांठ के जश्न की तैयारियों में जुटा है. आपके जश्न में चार चांद लग जाते अगर आपके पास उस जमाने में खरीदा गया सोना होता. क्योंकि अगर आपके घर में 1947 के वक्त का सोना पड़ा है तो जानते हैं आप कितने प्रतिशत के मुनाफे में बैठे हैं. आंकड़ा बताना तो दूर, अंदाजा लगाना भी मुश्किल होगा, 52 हजार प्रतिशत से ज्यादा का मुनाफा, जी हां आप बिल्कुल ठीक पढ़ रहे हैं 52 हजार प्रतिशत से ज्यादा का मुनाफा. जब देश 1947 में आज़ादी का जश्न मना रहा था तब 10 ग्राम सोने का भाव 100 रुपये भी नहीं था, जो आज 46 हजार रुपये के करीब है.ये भी पढ़ें- Work From Home करने वालों की कटेगी 25% तक सैलरी! जानिए ये नया फरमान

1947 में 88 रुपये था सोने का भाव

आज़ादी के वक्त 10 ग्राम सोने का भाव 88 रुपये के करीब था. सोने को 100 रुपये का स्तर छूने में 10 साल से ज्यादा का वक्त लग गया. 1959 में पहली बार सोने ने 100 रुपये के आंकड़े को पार किया और भाव 102 रुपये के ऊपर गया. 100 से 500 रुपये तक का सफर तय करने में सोने को 15 साल लग गए, और आखिरकार 1974 में सोने ने 500 रुपये के स्तर को पार किया, लेकिन यहां से सोने की चाल बदल गई और रफ्तार तेज हो गई. 500 से 1000 रुपये और 1000 रुपये से 2000 रुपये तक का सफर तय करने में 5-5 साल ही लगे. उसके बाद 1985 से 2007 तक सोने के दाम 5 गुना बढ़ गए और 2007 में सोने ने 10 हजार के स्तर को पार कर लिया.

ग्लोबल मंदी ने ‘सोना’ और चमका

फिर सोने के सफर में एक बड़ा ट्विस्ट आया, 2008 की ग्लोबल मंदी ने दुनिया की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका दिया. निवेश के सारे विकल्प फीके पड़ गए. क्या शेयर बाजार, क्या रियल एस्टे, क्या म्युचुअल फंड, सबके सब ध़ड़ाम हो गए! लेकिन उस वक्त सोना मंदी का सबसे बड़ा हीरो, संकट का सबसे बड़ा साथी बनकर सामने आया और 2008 की मंदी में सोने ने 25 प्रतिशत से ज्यादा का रिटर्न देकर सबको चौंका दिया. उसके बाद लोगों का सोने पर भरोसा इतना बढ़ गया कि महज तीन साल में सोने के दाम दोगुने से ज्यादा बढ़ गए. 2008 में साढ़े बारह हजार के भाव बिकने वाला सोना 2011 में 26,000 के भी पार चला गया.

सोना 60,000 रुपये तक जाएगा 

उसके बाद तो ऐसा सुनहरा सफर शुरू हुआ कि 10 साल से भी कम के समय में 2020 में सोना 50 हजार और फिर 56000 के भाव भी बिका जो कि अब तक रिकॉर्ड है. हालांकि अभी सोने का भाव रिकॉर्ड ऊंचाई से करीब 10 हजार रुपये कम यानी 46 हजार के पास है. लेकिन जानकार मानते हैं कि अगले डेढ़ दो साल में सोना 60 हजार तक भी जा सकता है.

आजादी के बाद से अबतक चांदी का सफर 

चांदी का सफर भी कम दिलचस्प नहीं है. 75 सालों से ज्यादातर वक्त में सोने-चांदी की जोड़ी हिट रही है. आज़ादी के वक्त 107 रुपये में एक किलो चांदी मिल जाती थी. अभी एक किलो चांदी खरीदने के लिए आपको 65 हजार रुपये से ज्यादा खर्च करने होंगे. कुछ वक्त पहले चांदी का भाव 75 हजार के भी ऊपर चला गया था. 75 सालों के इतिहास में चांदी में सबसे बड़ी तेजी पिछले साल ही आई थी. 2020 के मार्च में 33 हजार 500 के करीब बिकने वाली चांदी महज पांच महीने में यानी अगस्त में 78 हजार के करीब बिकने लगी, जो कि अब तक का रिकॉर्ड है. जानकारों का मानना है कि दुनिया की इकोनॉमी एक बार पूरी तरह से कोरोना से ऊबर जाए तो चांदी 2-3 सालों में एक लाख का सफर भी तय कर सकती है.ये भी पढ़ें- ATM में खत्म हुआ कैश तो बैंकों पर लगेगी पेनल्टी, RBI ने जारी किया आदेश, 10,000 रुपये तक लगेगा जुर्मानाLIVE TV

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