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traffic rules driving fast car on roads be careful police setting up speed trap cameras | सड़क पर तेज गाड़ी भगाते हैं तो हो जाएं सावधान! इस नए सिस्टम में झट से कटेगा चालान और रद्द हो जाएगा DL

नई दिल्ली: सड़क दुर्घटनाओं को कंट्रोल करने के लिए अब पुलिस नया कदम उठा रही है. अब इन गाड़ियों को रोकने के लिए अथॉरिटीज और पुलिस सड़कों और हाईवे पर स्पीड डिटेक्टिंग कैमरा लगा रहे हैं. इन हाइटेक कैमरों को हमेशा के लिए पोल पर फिक्स कर दिया जाएगा. इस दौरान अगर कोई गाड़ी तेजी से आएगी ये स्पीड कैमरा इसका पता लगाकर पुलिस को जानकारी दे देंगे. इसकी विशेषता यह है कि इनका इस्तेमाल रोड पर कहीं भी किया जा सकता है.

लगा है हिडेन कैमरा 

दिल्ली हरियाणा के रास्ते में इस सिस्टम को देखा गया है. यहां पुलिस ने गाड़ी के पीछे अपना स्पीड डिटेक्शन सिस्टम लगा रखा है. इधर कैमरों की मदद से जो भी गाड़ी आ रही है उसके स्पीड का पता लगाकर उसे रोक लिया जा रहा है और उसका चालान किया जा रहा है. आपको बता दें कि स्पीड ट्रैप कैमरा को पुलिस ने मारुति सुजुकी अर्टिंगा में इंस्टॉल किया है. इस दौरान एक ऑपरेटर लगातार कैमरे को चलाता है.ये भी पढ़ें- संविदा कर्मचारियों के लिए खुशखबरी! सरकार ने Bonus प्रस्ताव को दी हरी झंडी

2000 रुपये का चालान और डीएल भी होगा रद्द 

ऑपरेटर जिस भी गाड़ी की तेज स्पीड अधिक देखता है वो अपने सीनियर अधिकारी को उस गाड़ी को रोकने के निर्देश देता है. इसके बाद अधिकारी तेजी से गाड़ी चला रहे ड्राइवर पर 2000 रुपये का चालान किया जाता है. इसके अलावा उसका ड्राइविंग लाइसेंस भी तीन महीने के लिए रद्द किया जा सकता है.

कैसे काम करता है स्पीड ट्रैप कैमरा?

ये कैमरे रडार आधारित कैमरे होते हैं. ये कैमरे किसी भी गाड़ी की स्पीड पकड़ने के लिए डॉप्लर इफेक्ट का इस्तेमाल करते हैं. ये रडार कैमरा रेडियो वेव्स छोड़ते हैं जो स्पीड ऑफ लाइट से ट्रैवल करता है. रेडियो वेव फिर गाड़ी से टकराते हैं. टकराने के बाद ये वापस सिस्टम के पास आते हैं जहां इसका रियल टाइम कैलकुलेट हो जाता है.ये भी पढ़ें- अगर आपके पास है 1 Rs का ये Note, तो रातोंरात बन सकते हैं लखपति; जानिए कैसे

लेजर गन की तरह करता है काम 

ये सिस्टम लेजर गन का इस्तेमाल भी ऐसे ही किया जाता की तरह ही काम करता है. लेकिन लेजर गन काफी ज्यादा महंगे होते हैं. मॉडर्न रडार आधारित सिस्टम ANPR यानी की ऑटमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन सिस्टम के साथ आते हैं. ये गाड़ी के नंबर को भी नोट कर लेते हैं. ऐसे में एक बात तो साफ हो गई है कि, इन सिस्टम्स के आने के बाद पुलिस को काफी मदद मिलने वाली है तो वहीं ड्राइवर्स का काफी चालान कटने वाला है.बिजनेस से जुड़ी अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें LIVE TV

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