Budget 2021 उम्मीदें: रियल एस्टेट क्षेत्र ने पट्टे पर दी जाने वाली व्यावसायिक संपत्ति के विकास के समय इस्तेमाल में लाये गये सीमेंट, इस्पात जैसे कच्चे माल पर इनपुट टैक्स की सुविधा देने की मांग की है। रियल एस्टेट उद्योग का कहना है कि व्यावसायिक संपत्ति के किराये से होने वाली आय के कर में इनपुट टैक्स क्रेडिट की सुविधा मिलनी चाहिए। रियल एस्टेट उद्योग की तरफ से बजट से पूर्व दिए गए सुझावों में रविवार को कहा गया कि इस कदम से भारत को सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), स्टार्टअप, रियल्टी कंपनियां और परामर्शदाता जैसे क्षेत्रों में बढ़त को बनाये रखने में भी मदद मिलेगी।यह भी पढ़ें: बजट 2021 उम्मीदें: कंपनियों को ईएसआईसी योगदान से छूट देने पर मंथनउद्योग संगठन भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिये दिए गए सुझाव में केंद्रीय माल एवं सेवा कर (सीजीएसटी) अधिनियम की धारा 16 और धारा 17(5) में संशोधन करने की मांग की, ताकि रियल एस्टेट कंपनियां निर्माण के दौरान वस्तुओं व सेवाओं की खरीद पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ उठा सकें। संगठन ने कहा कि आईटीसी नहीं मिलने से रियल एस्टेट डेवलपरों की पूंजी अटकती है।यह भी पढ़ें: बजट 2021 उम्मीदें: लक्जरी कार कंपनियों की सरकार से बजट में करों में कटौती की मांगसीआईआई ने कहा, ”संपत्तियों को व्यावसायिक किराये पर देने या मॉल में आउटलेट पट्टे पर देने में किराये पर 18 फीसद जीएसटी लगता है। निर्माण के दौरान आईटीसी नहीं मिलने से निर्माण की लागत बढ़ती है और कार्यशील पूंजी का नुकसान होता है। इसका असर पूरी आपूर्ति श्रृंखला पर होता है। टाटा रियल्टी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के प्रबंध निदेशक (एमडी) एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) संजय दत्त ने कहा कि जीएसटी के मौजूदा प्रावधानों के तहत निर्माण के चरण के दौरान इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिलता है। हालांकि, निर्माण की लागत को कम करने के लिये इसका लाभ दिया जाना चाहिए।यह भी पढ़ें: एरिया बढ़ाने के नाम पर बिल्डर अतिरिक्त वसूली नहीं कर सकता
Facility of input tax credit received on leased commercial properties of real estate sector
