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transporters are ready to hike freight up to 20 percent due to fuel price hike | आम आदमी पर पड़ेगी महंगाई की एक और मार! ट्रांसपोर्टर्स बढ़ाएंगे 20% भाड़ा, महंगी होंगी सब्जियां और फल

नई दिल्ली:  Fuel Price Hike Impact: बढ़ती हुई महंगाई अभी आम आदमी की और कमर तोड़ेगी. पेट्रोल, डीजल, LPG के रेट आसमान पर पहुंच चुके हैं.  CNG और PNG की कीमतें भी बढ़ गई हैं. खाने के तेल, खाद्य पदार्थों के रेट भी आम आदमी की पहुंच से बाहर हो रहे हैं. अगर आपको लगता है कि परेशानियां यहीं आकर खत्म हो रहीं हैं तो जरा ठहरिए, क्योंकि पिक्चर अभी बाकी है.

ट्रांसपोर्टर्स बढ़ाएंगे भाड़ा, महंगाई और बढ़ेगी!

महंगाई का झटका देने की बारी अब ट्रांसपोर्टर्स की है, आने वाले दिनों में ट्रांसपोर्टर्स भी मालभाड़े में बढ़ोतरी करने की योजना बना रहे हैं. महंगे डीजल की मार ट्रांसपोर्टर्स पर भी पड़ी है, इसलिए अब वो भी मालभाड़े में 20 परसेंट तक की बढ़ोतरी करने वाले हैं. पिछले 2 महीनों से जरूरी सामानों की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है और ट्रांसपोर्टर्स भाड़ा बढ़ाते हैं तो चारों तरफ महंगाई में और ज्यादा बढ़ोतरी होगी और आम आदमी का दर्द बढ़ेगा.

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महंगे डीजल से कमाई आधी हुई

इस बढ़ोतरी के पीछे ट्रांसपोर्टर्स का कहना है कि कोरोना महामारी की वजह से कुल डिमांड में काफी कमी आई है, जिसकी वजह से कमाई में कोई इजाफा नहीं हुआ है. बढ़ती लागत की वजह से ट्रांसपोर्टर्स के पास किराया बढ़ाने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है. देश के सबसे पुराने ट्रांसपोर्ट संगठन All India Motor Transport Congress (AIMTC) के कोर कमिटी के चेयरमैन बाल मलकीत सिंह का कहना है कि कोरोना से पहले उनका एक ट्रक दिल्ली से मुंबई के बीच 3 से 4 फेरे कर लेता था लेकिन अब हालत ये है कि ज्यादा से ज्यादा 2 ही चक्कर लग पा रहे हैं. यानी महीने में साढ़े तीन लाख की कमाई घटकर अब 2 लाख रुपये तक ही रह गई है.

फल, सब्जियों के रेट आसमान पर 

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी से जरूरी सामानों की कीमतों में बढ़ोतरी होने लगी है, और ये कोरोना काल में आम लोगों के लिए दोहरी मार साबित हो रही है. तेल की बढ़ी हुई कीमतों की वजह से किसान का खर्चा काफी बढ़ गया है और खर्चा बढ़ने के हिसाब से उसको कीमत  नहीं मिल रही है, इसलिए सप्लाई और डिमांड के अंतर की वजह से फल और सब्जियों के रेट आसमान छू रहे है.

सरकार से राहत देने की मांग 

मुंबई में APMC के डायरेक्टर और थोक फल विक्रेता संजय पानसारे के मुताबिक ‘किसान की लागत बढ़ रही है, जिसका असर कंज्यूमर पर आ रहा है. कीमतों को बढ़ने से रोकने के लिए डीजल की कीमतों पर रोक लगानी जरूरी है.’ डिमांड में कमी और लागत में बढ़ोतरी की वजह से ट्रांसपोर्टर्स सरकार से किस्तों और टैक्स में छूट के साथ साथ एक्साइज और वैट में भी राहत की मांग कर रहे हैं.

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