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SEBI announced that the person who informs about insider trading will get a reward of 10 crores | SEBI का बड़ा फैसला! Insider Trading की सूचना देने वाले को मिलेगा 10 करोड़ का इनाम

नई दिल्ली: कैपिटल मार्केट रेगुलेटर SEBI (Securities and Exchange Board of India) ने इनसाइडर ट्रेडिंग (Insider Trading) पर लगाम लगाने के लिए बड़ा कदम उठाया है. इसके तहत सेबी बोर्ड ने इनसाइडर ट्रेडिंग रेग्‍युलेशन के कई नियम बदले हैं. अब इनसाइडर ट्रेडिंग के बारे में जानकारी देने वालों को 10 करोड़ रुपये तक का इनाम मिलेगा.

10 करोड़ रुपये तक का रिवॉर्ड

SEBI ने बोर्ड मीटिंग में ये फैसला लेते हुए कहा कि रिवॉर्ड को बढ़ाने और इसके भुगतान की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए बोर्ड ने रेग्‍युलेशन में संशोधनों की स्वीकृति दी है. इससे अब सेबी को इनसाइडर ट्रेडिंग के बारे में सूचना देने वालों को 10 करोड़ रुपये तक का इनाम दिया जाएगा.

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क्या है इनसाइडर ट्रेडिंग?

इनसाइडर ट्रेडिंग को भेदिया कारोबार भी कहा जाता है. निवेशकों के हितों को ध्यान में रखते हुए कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी ने भेदिया कारोबार पर सख्ती से रोक लगाई है. दरअसल कई बार किसी कंपनी के मैनेजमेंट से जुड़ा कोई आदमी उसकी अंदरूनी जानकारी के आधार पर गलत तरीके से उसके शेयर खरीद या बेचकर मुनाफा कमाता है तो इसे इनसाइडर ट्रेडिंग या भेदिया कारोबार कहते हैं. ऐसे में निवेशकों को कई बार नुकसान भी उठाना पड़ता है.

इनसाइडर ट्रेडिंग के खिलाफ सेबी सख्त 

इनसाइडर ट्रेडिंग को लेकर सेबी सख्त हो गई है. सार्वजनिक न होने वाले यूपीएसआई (UPSI) का दुरुपयोग करके शेयर बाजार में अवैध कमाई करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है. इसके खिलाफ सख्ती  दिखाते हुए सेबी ने किसी भी तरह की गड़बड़ी करने वाले की जानकारी देने वालों की इनाम राशि 1 करोड़ से बढ़ा कर 10 करोड़ रुपये कर दी है. इसके अलावा बोर्ड ने इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर इन्‍वेस्‍टमेंट ट्रस्‍ट (InvITs) और रीयल एस्‍टेट इन्‍वेस्‍टमेंट ट्रस्‍ट (REITs) के नियमों में संशोधन को भी मंजूरी दे दी है.

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पिछले दिनों आए थे कुछ मामले 

दरअसल, किसी भी कंपनी के शीर्ष प्रबंधन को यह पता रहता है कि कंपनी कौन सा कदम उठाने वाली है जिससे उसके शेयरों में भारी बढ़त या भारी गिरावट आ सकती है. ऐसी स्थिति में अगर किसी ने अधिकारिक जानकारी जारी करने से पहले ही शेयरों की खरीद-फरोख्त कर मुनाफा बना ले तो यह इनसाइडर ट्रेडिंग कहलाएगा. सेबी इस मामले में बहुत सख्त है और कंपनियों के प्रबंधन पर नजर रखती है. इनसाइडर ट्रेडिंग कंट्रोल करने के लिए कंपनियां अपने एम्प्लोई से पहले ही यह बॉन्ड भी भरवा लेती हैं कि वे कंपनी की किसी संवदेनशील जानकारी को बाहर शेयर नहीं करेंगे और न ही इसके आधार पर शेयर मार्केट में कोई खरीद-फरोख्त नहीं करेंगे.

मार्केट सर्विलान्स सिस्टम 

सेबी (Securities and Exchange Board of India) ने इनसाइडर ट्रेडिंग की पहचान करने के लिए मार्केट सर्विलान्स सिस्टम भी लागू किया है जो असामान्य मार्केट पैटर्न पर नजर रखता है. सेबी ने इस सिस्टम में लगातार सुधार भी किया है. इसके तहत दोषी पाए गए कई कंपनियों को सेबी ने दंडित भी किया गया है.

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