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canara bank offering cheapest home loan check the rates | सबसे सस्ता Home Loan दे रहा है Canara Bank! जानिए कितनी है ब्याज दर और कैसे मिलेगा लोन

नई दिल्ली: Home Loan Lowest Rate: RBI ने भले ही क्रेडिट पॉलिसी में ब्याज दरें नहीं घटाईं, लेकिन आपके पास सस्ते होम लोन का मौका अब भी है. हालांकि होम लोन अबतक की सबसे निचली दरों पर मिल रहे हैं. कई बैंक आपको बेहद कम दरों पर लोन ऑफर कर रहे हैं, अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है तो आपको 7 परसेंट से भी कम की दर पर होम लोन मिल सकता है.

Canara Bank का लोन ऑफर 

Canara Bank का दावा है कि वो ग्राहकों को सबसे कम दरों पर लोन ऑफर कर रहा है. अगर आप भी होम लोन या कार लोन लेने की सोच रहे हैं तो आप Canara Bank से संपर्क कर सकते हैं. Canara Bank का कहना है कि वो अब सबसे सस्ती दरों पर लोन मुहैया करवा रहा है.

Canara Bank दे रहा है सबसे सस्ता लोन!

Canara Bank ने अपनी लोन दरों की जानकारी ट्विटर के जरिए दी है. Canara Bank MCLR (Marginal Cost of Funds Based Landing Rate) बेस्ड लोन 7.35 परसेंट पर दे रहा है. जबकि RLLR (Repo Linked Lending Rate) बेस्ड लोन 6.9 परसेंट पर ऑफर कर रहा है.  बता दें कि यह ब्याज की दर 7 जून 2021 के आधार पर है और इसके साथ ही कई शर्तें भी होती हैं, जिनका पालन करना होता है.

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कैसे ले सकते हैं लोन?

अगर आप भी केनरा बैंक से लोन लेना चाहते हैं तो आप बैंक की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अप्लाई कर सकते हैं, इसके अलावा केनरा बैंक ने एक लिंक भी शेयर किया है- https://canarabankcsis.in/canaraila/newmain.aspx. इस लिंक पर जब आप क्लिक करेंगे तो सीधा लोन सेक्शन में पहुंच जाएंगे. वहां पर आपको होम लोन, कार लोन के विकल्प मिलेंगे, आप जो भी लोन लेना चाहते हैं अप्लाई कर सकते हैं. इसके बाद बैंक की ओर से आपको कॉल आएगी. आपको जितना लोन चाहिए उसकी EMI का कैलकुलेशन भी आप इसी लिंक पर कर सकते हैं क्योंकि यहां पर आपको एक EMI कैलकुलेटर भी मिलता है. Canara Bank ने ट्विटर पर लोन रेट, प्रोसेसिंग की भी जानकारी दी है.

क्या है MCLR और RLLR में फर्क?

सबसे पहले बैंक ब्याज दरें तय करने के लिए प्राइम लेंडिंग रेट (PLR) का इस्तेमाल करते थे, इसके बाद Base Rate आया फिर 1 अप्रैल 2016 में मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) को लागू किया गया, माना ये गया कि MCLR काफी हद तक पारदर्शी है, लेकिन जब ये सभी ग्राहकों को राहत पहुंचाने में नाकाम रहे तो RBI ने एक्सटर्नल बेंचमार्क बेस्ड लेंडिंग रेट को लागू किया. RBI के कहने पर कई बैंकों ने अपने होम लोन को रेपो रेट से जोड़ा है. इस कदम से कर्ज लेने वाले ग्राहकों को रेपो रेट घटने पर फायदा होता है. वहीं, रेपो रेट बढ़ने पर नुकसान होता है. आपको बता दें कि रेपो रेट वह दर है, जिस पर बैंक आरबीआई से उधार लेते हैं.

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