Published by: शाहरुख खान
Updated Wed, 12 May 2021 08:36 AM IST
सार
जीटीबी अस्पताल की इमरजेंसी में 20 ऑक्सीजन बेड खाली थे। डॉक्टर भी इमरजेंसी में मरीजों का इंतजार कर रहे थे। मंगलवार की रात 11 बजे जब जीटीबी अस्पताल के आपातकालीन विभाग का जायजा लिया गया तो यहां की तस्वीर कुछ अलग ही थी
जीटीबी की इमरजेंसी में 20 ऑक्सीजन बेड खाली
– फोटो : अमर उजाला
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मंगलवार की रात 11 बजे जब जीटीबी अस्पताल के आपातकालीन विभाग का जायजा लिया गया तो यहां की तस्वीर कुछ अलग ही थी। यहां हर दिन मरीजों की भीड़ और ऑक्सीजन के अभाव में तड़पते मरीजों का दुख देखने को मिल रहा था। ऑक्सीजन पाइंट न होने की वजह से हर मरीज को यहां इलाज भी नहीं मिल पा रहा था।
स्थिति यहां तक आ गई कि चार दिन तक अस्पताल को अपना मुख्य द्वार तक बंद करना पड़ गया था। वहीं ऑक्सीजन संकट की वजह से बिस्तरों की क्षमता भी आधी करनी पड़ी लेकिन अब हालात कुछ और ही स्थिति को बयां कर रहे हैं। दिल्ली सरकार ने इस अस्पताल को कोविड मरीजों के लिए आरक्षित किया हुआ है।
इसी अस्पताल से चंद मीटर दूर रामलीला मैदान पर 500 बेड की क्षमता युक्त आईसीयू कोविड अस्थायी अस्पताल बनाया है। आपातकालीन वार्ड में तैनात एक डॉक्टर ने कहा कि रात 11 बजकर 10 मिनट तक केवल एक ही मरीज उनके पास आया है जिसे ऑक्सीजन के लिए भर्ती किया है।
उनके पास अभी 20 बेड खाली हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि आईसीयू बेड के लिए सीएमओ की ओर से रैफर होना जरूरी है। अस्थायी आईसीयू कोविड अस्पताल में वही से मरीज भेजा जाएगा लेकिन उनके पास केवल आपातकालीन विभाग के ऑक्सीजन बेड की जानकारी है।
डॉक्टरों ने हंसते हुए कहा कि अच्छा लग रहा है कि हम मरीजों का इंतजार कर रहे हैं। एक महीने बाद ही सही लेकिन आज का दिन बहुत अच्छा है नहीं तो हर रोज लोगों को तड़पता और मरता देख खुद से नजरे भी नहीं मिला पा रहे थे।
विस्तार
दिल्ली के अस्पतालों में जहां बिस्तरों का संकट पिछले एक महीने से था। वहीं अब हालात ऐसे बदल रहे हैं कि जीटीबी अस्पताल में देर रात केवल एक ही मरीज भर्ती किया गया। इमरजेंसी में 20 ऑक्सीजन बेड खाली थे। डॉक्टर भी इमरजेंसी में मरीजों का इंतजार कर रहे थे।
मंगलवार की रात 11 बजे जब जीटीबी अस्पताल के आपातकालीन विभाग का जायजा लिया गया तो यहां की तस्वीर कुछ अलग ही थी। यहां हर दिन मरीजों की भीड़ और ऑक्सीजन के अभाव में तड़पते मरीजों का दुख देखने को मिल रहा था। ऑक्सीजन पाइंट न होने की वजह से हर मरीज को यहां इलाज भी नहीं मिल पा रहा था।
स्थिति यहां तक आ गई कि चार दिन तक अस्पताल को अपना मुख्य द्वार तक बंद करना पड़ गया था। वहीं ऑक्सीजन संकट की वजह से बिस्तरों की क्षमता भी आधी करनी पड़ी लेकिन अब हालात कुछ और ही स्थिति को बयां कर रहे हैं। दिल्ली सरकार ने इस अस्पताल को कोविड मरीजों के लिए आरक्षित किया हुआ है।
इसी अस्पताल से चंद मीटर दूर रामलीला मैदान पर 500 बेड की क्षमता युक्त आईसीयू कोविड अस्थायी अस्पताल बनाया है। आपातकालीन वार्ड में तैनात एक डॉक्टर ने कहा कि रात 11 बजकर 10 मिनट तक केवल एक ही मरीज उनके पास आया है जिसे ऑक्सीजन के लिए भर्ती किया है।